दो मछिलयों की कहानी
एक समय पानी के एक बड़ा जलाशय था। यह जलशव ऐसा जगह पर िस्थत था, जहाँ पहुँचना बहुत आसान नहीं था। काटों से भरी हुई झािड़यों को पार करके पानी तक पहुँचना पड़ता था। उस जलाशय में बहुत सारी मछिलयां रहती थीं।उसी में २ मछिलयाँ- सहिेलयाँ थी,लेिकन उनके स्वभाव अलग-अलग थे। मीना नामक मछली संकट आने के आसार नज़र आते ही उस संकट को टालने का उपाय सोचने लगती थी। लेिकन बीना कहती थी, िक संकट आने पर ही उससे बचने के बारे में सोचो।करने-कराने से कुछ नहीं होता,जोि कस्मतमेंि लखा है वही होकर रहगेा।
बीना और मीना के साथ क्या होता है? यह जांने के लिए सुनिए इस कहानी को।
सीख : भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहने वाले का िवनाश निश्चत ह।ै
This is a story of 2 fishes- Meena and Beena. Both are good friends, but have different was of handling difficult situations. What happens to them?