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इस कहानी के बारे में About the Tale Kauva, Hiran aur Geedad
This is a story from the Hitopadesh tales that teaches us a moral that we should listen to the advice of our friends and we should not believe in the sweet words of strangers. Once, a deer and a crow are friends. a jackal, who wants to feast on the young and healthy deer, strikes a friendship with the deer. The crow cautions the deer against this friendship, but the deer does not listen to this advice. Will the jackal succeed in his plans? Listen to this story to learn more.
यह कहानी हितोपदेश कथाओं में से एक है, जो हमें यह सिखाती है की हमें अपने मित्रों की बात पर विश्वास करना चाहिए , और अनजाने लोगों की बातों से सावधान रहना चाहिए ।
कहानी का सारांश कुछ ऐसा है – एक हिरन याने की मृग और कौवा अच्छे दोस्त होते हैं । एक दिन एक ललचि गीदड़ मृग को खाने की इच्छा से उससे दोस्ती करने का नाटक करता है । क्या ग़ीधड अपने इरादों में कामयाब होता है? जांने इस कहानी को सुनकर ।
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