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बिल्लयों की दावत (The Feast of the Cats)

एक बार बिल्लियों ने एक भोज याने की दावत रखी। उन्होंने चूहों को इस भोज के लिए आमंत्रित किया। आप तो जानते ही है की चूहे और बिल्लियाँ एक दूसरे के साथ रह नहीं सकते। तो चूहे यह जानना चाहते थे की वह दावत को जाएँ या नहीं। आख़िर चूहों के नेता ने उन्हें एक सुझाव दिया, जिसकी वजह से वह चूहे दावत में शामिल हुए।
वह सुझाव क्या था? बिल्लियों  ने चूहों के साथ कैसा बर्ताव किया? सुनिए इस कहानी को शीराली बीजू की आवाज़ में बालगाथा पाड्कैस्ट पर।

यह कहानी स्टोरी वीवर कलेक्शन से क्रीएटिव कामंज़ ४।० लाइसेन्स के अंतर गत पेश की है गाथा स्टोरी ने। इस जैसी अन्य कहानियों को सुन सकते है बालगाथा पाड्कैस्ट पर। कहानी के लेखक है Saura Writers ग्रूप। हिंदी में अनुवाद राजेश खार ने किया है। चित्रकार है कुशल कुमार बारीक । हिंदी में यह कहानी आप ने सुनी शीराली बीजू की आवाज़ में। इस ऑडीओ के प्रडूसर हैं गाथा स्टोरी ।

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